भारत-चीन के बीच खुल रहा तनाव का ताला, पूर्वी लद्दाख में पीछे हटीं दोनों देशों की सेना

दोनों ओर से जारी तनातनी के बीच यह सुधार तब देखा जा रहा है जब इसी हफ्ते दोनों देशों में सैन्य स्तर की वार्ता होने जा रही है. हालांकि इसके पहले भी सैन्य स्तर की बातचीत हुई थी लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला था.




  • इससे पहले भी दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं

  • चीन ने कहा, दोनों देश बातचीत से सुलझाएंगे मुद्दा


पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं धीरे-धीरे पीछे हट रही हैं. इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर घटते तनाव का एक संकेत माना जा रहा है. पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में दोनों देशों की सेनाएं पूर्व की स्थिति में लौट रही हैं. दोनों ओर से जारी तनातनी के बीच यह सुधार तब देखा जा रहा है जब इसी हफ्ते दोनों देशों में सैन्य स्तर की वार्ता होने जा रही है. हालांकि इसके पहले भी सैन्य स्तर की बातचीत हुई थी लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. सूत्रों ने इंडिया टुडे/आजतक को इसकी जानकारी दी.


दोनों देशों की बीच सैन्य स्तर की वार्ता गलवान इलाके के पेट्रोलिंग प्वॉइंट 14, 15 और स्प्रिंग इलाके में होगी. सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना गलवान वैली, पीपी-15 और हॉट स्प्रिंग इलाके में 2 से ढाई किमी पीछे तक हट गई है. ये सभी इलाके पूर्वी लद्दाख में पड़ते हैं.


हॉटलाइन पर बातचीत


भारतीय सेना भी इस इलाके में पीछे हटी है और अपने वाहन वापस लिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन जगहों पर बटालियन कमांडर स्तर की बातचीत चल रही है. दोनों पक्ष के कमांडरों की आपस में हॉटलाइन पर बात हुई है. भारत की सैन्य टीम चुसूल इलाके में पहले से मौजूद है ताकि चीनी पक्ष को बातचीत में शामिल किया जा सके.


चीन ने हटाए अपने वेसेल


सूत्रों के मुताबिक, दोनों पक्षों में सेना हटाने के लिए हुई बातचीत काफी सकारात्मक रही और चीनी पक्ष ने आपसी विश्वास बढ़ाने पर जोर दिया. गलवान वैली के इलाके में चीन ने जो वेसेल और नौकाएं तैनात की थीं, उसे हटा लिया गया है. कुछ-कुछ जगहों पर दोनों देश की फौज 2 किमी तक पीछे हटी है. अब आगे कमांडर स्तर की बातचीत होनी है ताकि सीमा पर तनाव खत्म किया जा सके. इन सभी हलचलों के बीच भारतीय फौज सावधान है और पल-पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए है. भारत की ओर से बड़े स्तर पर हर किसी स्थिति से निपटने की तैयारी की गई है.


चीन ने दिया सुलह का संकेत


दोनों देश बातचीत से आपसी विवाद निपटाएंगे, इसकी जानकारी सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दी थी. चुनयिंग ने कहा, 6 जून को चीनी और भारतीय सैन्य अधिकारियों के बीच सीमा के हालातों पर विस्तृत बातचीत हुई. दोनों देशों ने राजनयिक और सैन्य स्तर पर सीमा विवाद के मुद्दे को बातचीत के जरिये निपटाने पर बल दिया.


चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ ने जोर देकर कहा कि चीन और भारत अपने-अपने देशों के समझौतों के आधार पर महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने पर सहमत हुए हैं. दोनों देश आपसी मतभेदों को विवाद में बदलने के पक्षधर नहीं हैं. भारत और चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के लिए एक साथ काम करते हैं, ताकि द्विपक्षीय संबंधों के स्थिर विकास के लिए अनुकूल माहौल बनाया जा सके. हुआ ने कहा कि सीमा क्षेत्रों में पूरी स्थिति पर गौर करें तो यह आमतौर पर यह स्थिर और नियंत्रण में है. चीन और भारत के बीच बातचीत और परामर्श के माध्यम से ऐसे मुद्दों को ठीक से हल करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है.


पहले भी हुई बात


बीते 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल हरिदंर सिंह ने चीन के मेजर जनरल लियु लिन से मोल्डो में बात की थी. जो LAC में चीनी हिस्से में है. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ एक लंबी बैठक की थी, जिसमें मौजूदा स्थिति के बारे में मंथन हुआ. बैठक में रक्षा मंत्री को बताया गया कि चीन की ओर से बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सैन्य मौजूदगी की गई है, इसके अलावा दोनों देशों की सेनाओं के बीच जो बात हुई उस पर मंथन किया गया. सूत्रों की मानें, तो रक्षा मंत्री को इस बात की जानकारी दी गई कि सेना की ओर से अभी भी बातचीत का सिलसिला जारी रहेगा, ताकि एक महीने से जारी इस विवाद को सुलझाया जा सके.